विश्व पर्यावरण दिवस के मद्देनजर केंद्रीय बंदर, जहाज, परिवहन तथा जलपथ एवं आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार पांडू पोर्ट पर ब्रह्मपुत्र नद के किनारे पौधारपण किया। मंत्री के साथ चिकित्सक, अभियंता और सरकारी अधिकारियों के साथ करीब सौ लोगों ने सौ औषधीय गुणों वाले पौधों को लगाया।
भारतीय आंतरिक जलपथ प्राधिकरण पांडू स्थित आंचलिक कार्यालय में आयोजित एक बैठक में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने विशेष दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें अपने प्रकृति की विशालता, उदारता और महानता को अनुभव कर और हमारे परिवेश तथा जैव विविधिता की सुरक्षा और संरक्षण करने के लिए दृढ़ कदम उठाना चाहिए। सनोवाल ने कहा कि प्रकृति बेहद खूबसूरत है। प्रकृति की रक्षा करने का दायित्व हम सब पर है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विषय को बहुत ही महत्वपूर्ण रूप से ग्रहण किया है। परिवेश संरक्षण के लिए विभिन्न कदम उठाये गये हैं। असम विभिन्न प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण है। आपार सौंदर्य और जैव विविधिता से भरपूर है। हमें भी प्रगति करनी चाहिए। साथ ही हमें प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण का दायित्व लेना होगा। परिवेश अनुकूल विकास के लिए हमें एक साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सामान और परिवहन दोनों के लिए हम हमारे राष्ट्रीय जलपथ को को पुनरोत्थान करने के लिए कदम उठाये गये हैं। प्रधानमंत्री ने आंतरिक जलपथ के विकास पर जोर दिया है, ताकि हमारी आर्थिक उन्नति हो सके।
सोनोवाल ने अधिक से अधिक विभिन्न प्रकार के औषधी गुणों वाले पौधों को लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि असम में विभिन्न प्रकार के ओषधीय पौधे हैं जो हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी हैं। हमें प्रकृति के महान उपहार को समेट लेना होगा और इस प्रकार के कई औषधीय पेड़-पौधे अधिक से अधिक मात्रा में लगाना होगा, ताकि हमारे आसपास का वातावरण हरा-भरा बना रहे और हम बहुत से रोगों से मुक्त रहें।
पांडू के इस कार्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष जल प्राधिकरण उत्तर पूर्व प्रांत के संचालक ए सेल्वाकुमार, गुवाहाटी के केंद्रीय आयुष शोध प्रतिष्ठान के सहकारी संचालक डॉ. दिनेश बरुवा, सरकारी आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्रार्चाय रमाकांत शर्मा एवं असम ओलिम्पिक संस्था के सचिव लक्ष्य कोंवर, जलपथ प्रधिकरण और आयुष मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विशिष्ट व्यक्ति उपास्थित थे।