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असम के महामहिम राज्यपाल श्री जगदीश मुखी जी को आज विहंगम योग के राष्ट्रीय संत किशन शर्मा जी ने सर्वेद भेंट की व विहंगम योग के सिद्धांत की व्यापक चर्चा की। जिसमें मन के विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि विहंगम योग की साधना द्वारा हम कैसे अपने चंचल मन को अपने अधीन कर सकते हैं। आगे बताते हुए उन्होंने योग क्या है इसके विषय में भी बताया। आज के आधुनिक जीवन में आसन प्राणायाम को ही योग मानते हैं जबकि वास्तव में योग आत्मा और परमात्मा के मिलन को कहा गया है और अगस्त में होने वाले विहंगम योग के कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया। विहंगम योग संस्थान के अध्यक्ष किशन लाल प्रजापति, सुभाष गुप्ता, शंकर सिंह व महेंद्र प्रजापति उपस्थित रहे।