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शक्ति पीठ कामाख्या धाम में अंबुवासी मेला की तैयारियां शुरू

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राजधानी के नीलाचल पहाड़ पर स्थित विश्व विख्यात शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर शक्तिपीठों में से एक है। कामाख्या धाम में सबसे बड़ा उत्सव अंबुवासी मेला है। मेला के दौरान मां मंदिर के दरवाजे तीन दिनों तक बंद रहते हैं। कामाख्या धाम में आयोजित होने वाले अंबुवासी मेले में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं। सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के खाने-पीने की व्यवस्था की जाती है।

अंबुवासी मेले के लिए कामाख्या देवालय की ओर से शनिवार शाम को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि इस साल 22 जून से कामाख्या धाम में अंबुवासी मेला शुरू होने वाला है। 22 जून की रात 8:18 बजे में प्रवृत्ति शुरू होगी और 23, 24, 25 जून तक मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। 26 जून की सुबह देवी स्नान और नित्य पूजा के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे। 26 और 27 जून को विशेष दर्शन की व्यवस्था बंद रहेगा। 22 जून को मंदिर के कपाट 8:00 बजे बंद किया जाएगा।
इस बार निलाचल पहाड़ पर श्रद्धालुओं को रहने-खाने की व्यवस्था नहीं होगी। निचले कामाख्या से कामाख्या तक जाने वाली सड़क में विश्राम के लिए अस्थायी रूप से विश्राम तथा पीने के पानी की व्यवस्था और जूता रखने की व्यवस्था की जाएगी। इस बार श्रद्धालुओं को मंदिर की परिक्रमा के बाद पश्चिम द्वार से बक्शी बागान तथा नाहरबारी होकर तिन्नाथ मंदिर से पैदल जाने वाले पुराना रास्ते से निकलने की व्यवस्था की गयी है।
पांडू टेंपल घाट से कामाख्या मंदिर तक जाने वाली नया सड़क श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगी। अंबुवासी के समय श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए देवालय के 120 स्थायी सुरक्षा कर्मी के साथ-साथ 400 स्काउट गाइड, 400 स्वयंसेवक, 100 स्थायी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा। इसके साथ देवालय परिसर में तथा आसपास के इलाकों में 300 सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा।
अंबुवासी मेला के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। देवालय के अपने 200 सफाई कर्मियों के साथ 100 अस्थायी सफाई कर्मियों को तैनात किया जाएगा। 26 जून को देवी दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बक्शी बागान में अस्थायी विश्राम घर, चिकित्सा सेवा, शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था किया जाएगा।
अंबुवासी के समय सेवा कार्य करने वाले विभिन्न संस्था के सदस्यों के लिए देवालय की ओर से खाने- पीने की व्यवस्था किया गया है। अंबुवासी के समय स्वच्छता के साथ ही पूरे कामाख्या परिसर को धुम्रपान से मुक्त घोषित किया गया है। साथ ही कोरोना सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा।

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