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श्रमिक नेता ननी गोपाल को श्रमिक संगठनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की

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P.B.Silchar, 28 May : 1928 में वर्तमान बंगलादेश के शिलहट जिला के ढाका दक्षिण में जन्मे श्री ननी गोपाल भट्टाचार्य का  27/05/2021 शाम 7-45 बजे कलाईन चाय बागान के बैकुंठपुर कर्मीभवन में देहांत  हो गया।स्वाधीनता संग्रामी , श्रमिक यूनियन के जन्मलग्न से जुड़े व आजीवन चाय श्रमिकों के हित में काम करनेवाले  चिरकुमार ननी बाबु वर्तमान में बराक चाय श्रमिक यूनियन के वर्तमान उपाध्यक्ष थे। उनकी बचपन की पढ़ाई कछाड़ जिले के बिक्रमपुर में हुआ।1942 के “अंग्रेज भारत छोड़ोआन्दोलन” में शामिल होने के कारण उनकी गिरफ्तारी हुई।1946में उन्होंने उद्वास्तु शिबिर में स्वेच्छा सेवक का काम किया। अविभाजित भारत के शिलहट जिला में श्रीमंगल मजदूर संघ से जुड़े और सूरमा उपत्यका चाय श्रमिक यूनियन में काम किया। उन्होंने रियांग जनजाति को जोड़ने के लिए भी संगठन बनाया था।1949 से वे वर्तमान बराक चाय श्रमिक यूनियन से जुड़कर 1951 में आर्गेनाइजर के रुप में काम किया। बादमें उन्हें यूनियन का वाइस प्रेसिडेंट का पद दिया गया। यूनियन के तरफसे  वे नार्थ कछाड़ के चाय बागानों का प्रभारी थे। वे सारा जीवन श्रमिकों के कल्याण के लिए लड़ते रहे। बराक चाय श्रमिक यूनियन के सभी लोग उन्हें बहुत ही सम्मान के दृष्टि से देखते थे। कोरोना प्रोटोकाल के चलते बहुत कम संख्या में लोग उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे। उनके निधन से  बराक के चाय श्रमिक समाजने एक निकट आत्मीय को खोया है।
उनके निधन पर बराक चाय श्रमिक यूनियन,बराक चाय युव कल्याण समिति,बराक चाय जनगोष्ठी साहित्य व संस्कृति परिषद के ओरसे  राधेश्याम उपाध्याय,अजीत सिंह, राजदीप ग्वाला,सनातन मिश्र,रवि नूनिया,सुरेश चन्द्र द्विबेदी,सुरेश बड़ाइक, बाबुल नारायण कानू,दूर्गेश कूर्मी, प्रेमराज ग्वाला,प्रदीप कूर्मी,सूरजित कर्मकार, किशोर रबिदास,दिलीप सिंह क्षेत्री,प्रदीप तांती, बिपुल कूर्मी,बिरसा उरांग और अन्यान्य लोगों ने शोक प्रकट किया और उनकी विदेही आत्माकी शान्ति कामना की।

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