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इस लेख में सौ प्रतिशत सही लिखा गया है क्योंकि हिंदीभाषी तथा चाय जनगोष्ठी के लोगो को वर्तमान सरकार के बराक वैली के नेतृत्व ने जिस प्रकार से उपेक्षा कर रही है, यह बहुत हीं सोचनेवाली विषय है और इस विषय में अगर हम आज एकजुट होकर आवाज नही उठाए तो हमारे अगले पीढ़ी के लिए बहुत हीं चिंता का कारण बन सकता है। बराक वैली में हिंदीभाषी और चाय जनगोष्ठी को छोड़ कर कोई भी राजनैतिक दल सफल नही हो सकता । बराक वैली में चाय बागान के वोट ही निर्णायक होती है। इस सारे विषय को केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाना चाहिए।
गौरी शंकर हजाम सरसपुर चाय बागान हाइलाकांदी