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संस्कार युक्त शिक्षा से जीवन को सार्थकता मिलती है- डॉ कृष्ण गोपाल

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वाराणसी से विशेष प्रतिनिधि, 11 दिसंबर: संस्कार युक्त शिक्षा से जीवन को सार्थकता और पूर्णता मिलती हैं। बड़े-बड़े अकेडमी के संस्थानों से बड़ी-बड़ी परीक्षाएं पास की जा सकती हैं। लोक कल्याण की भावना लेकर जो विद्यार्थी अपने पारिवारिक, सामाजिक, व्यवसायिक और प्रशासनिक जीवन में प्रवेश करता है, उसे आध्यात्मिक ऊंचाई कहते हैं। उपरोक्त विचार वाराणसी में निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इंटर कॉलेज के नवीन भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी ने व्यक्त किए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों, विद्यालय परिवार के सदस्यों तथा नागरिकों को संबोधित करते हुए बताया कि पिछले 30-32 वर्षों में सो डेढ़ सौ बालिकाओं से प्रारंभ होकर 2000 छात्राओं को श्रेष्ठ संस्कार युक्त शिक्षा देने वाला केंद्र बन गया है निवेदिता बालिका इंटर कॉलेज। उन्होंने प्रधानाचार्य और विद्यालय परिवार के सदस्यों को इसके लिए बधाई दी।

 

उन्होंने कहा कि काशी वह स्थान है जो आध्यात्मिक ऊंचाइयां देता है। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े शैक्षिक संस्थानों से डिग्री लेकर धन तो कमाया जा सकता है लेकिन वह पूर्णता नहीं है, पूर्णता वह है, जिसे दूसरे लोग श्रेष्ठ कहें। सफलता वह है जो मनुष्य चाहता है, उसे मिल जाता है। सार्थकता वह है जिसे दूसरे लोग कहें, हां यह ठीक है, श्रेष्ठ है। दूसरों के लिए जीवन जीना सार्थकता है।

निवेदिता विद्यालय में कम वेतन लेकर शिक्षिकाओं में प्रेम पूर्वक संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान किया। ‌ शैक्षिक योग्यता के साथ संस्कार जरूरी है तभी पूर्णता होगी, ऊंची से ऊंची शिक्षा का महत्व है लेकिन साथ में जीवन में आध्यात्मिक शिक्षा का समावेश भी होना आवश्यक है। उन्होंने विद्यालय के पूर्व संरक्षक स्वर्गीय भाऊराव देवरस और काशीनाथ पांडेय आदि का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने जो शुरू किया उसे ऊंचाई पर ले जाने का दायित्व नगर के लोगों का है। काशी के आसपास में निवेदिता बालिका विद्यालय का विस्तार रूप खड़ा किया जाए।

 

समारोह के अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र प्रताप सिंह पूर्व कुलपति ने स्वर्गीय भाऊराव देवरस का स्मरण करते हुए कहा कि पुत्रेष्णा, वितेष्णा से बचना आसान है। लोकेषणा से बचना कठिन है लेकिन भाउराव देवरस जी ने अपने जीवन में इसे कर दिखाया। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ आनंद प्रभा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विद्यालय की आवश्यकताओं का ध्यान दिलाया। इसके पूर्व ही डॉ डीपी सिंह ने भाऊराव देवरस सेवा न्यास की तरफ से विद्यालय के जो बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग करना चाहते हैं उनके लिए प्रतिवर्ष ₹20 लाख रुपए सहायता देने की घोषणा की। मंचासीन उद्योगपति आर के चौधरी ने विद्यालय के कंप्यूटर लैब के लिए ₹10 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की। स्थानीय विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने पुस्तकालय के लिए 24 लाख रुपए की राशि विधायक निधि से स्वीकृत की।

 

कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में संचालन समिति के सचिव राम सुचित पांडेय, पर्यटन मंत्री नीलकंठ जी, क्षेत्र व्यवस्था प्रमुख जयप्रकाश जी, प्रांत कार्यालय प्रमुख श्याम जी, विद्या अध्ययन केंद्र प्रमुख गौरव जी तथा वरिष्ठ पत्रकार पवन सिंह आदि शामिल थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में नए भवन का मुख्य अतिथि डॉक्टर कृष्ण गोपाल जी ने उद्घाटन किया तथा रामायण के ऊपर झांकी प्रस्तुत की गई। वंदे मातरम से कार्यक्रम का समापन किया गया।

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