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सीमा सुरक्षा बल पूरे देश में हिन्दी की प्रचार-प्रसार करती है- डीआईजी, असम विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़ा पर मुख्य समारोह मनाया गया

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यशवन्त पाण्डेय, शिलकुड़ी 29 सितम्बर। असम विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ट द्वारा प्रेमेन्द्र मोहन गोस्वामी सभागार में आयोजित हिन्दी पखवाड़ा का मुख्य कार्यक्रम शुक्रवार को भव्य तरीके से मनाया गया। मुख्य समारोह में चारचांद लगाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में सीमा सुरक्षा बल मासीमपुर के डीआईजी डा. सी पी मीणा, विशिष्ट अतिथि के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय पैलापुल के प्राचार्य विश्वास कुमार राणा, असम विश्वविद्यालय के कुलपति पंत, कुलसचिव डा. प्रदोष किरण नाथ, वित्त अधिकारी डा. शुभोदीप धर, प्राध्यापक विकास कुमार उपाध्याय, प्रेरणा भारती के स्वत्वाधिकारी दिलीप कुमार, समाजसेवी गणेश लाल क्षत्री आदि उपस्थित थे।

असम विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़ा पर मुख्य समारोह मनाया गया
असम विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़ा पर मुख्य समारोह मनाया गया

असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव मोहन पंत की अध्यक्षता में आयोजित मुख्य समारोह में प्रशासनिक प्रबंधन में हिन्दी की चूनौतियां एवं संभावनाएं शीर्षक पर संगोष्ठी आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. सी पी मीणा ने बताया कि अंग्रेजो ने ढाई सौ साल में इतना रंग चढ़ा दिया है कि आज हिन्दी का हाल बेहाल है, दूनिया में आठसौ करोड़ आबादी है, सात हाजार भाषाएं हैं। हमारे संविधान मेंं 22 भाषायों को स्वीकति दी गयी है। सीमा सुरक्षा बल के जवान सम्पूर्ण आते हैं, अलग अलग भाषा- संस्कृति के होते हैं , लेकिन देश के किसी भी कोने में मूसीबत पड़ने पर यह जवान वहां पहुंच जाते हैं , लेह-लद्दाक से लेकर कन्या-कुमारी तक जहां पर जरुरत पड़ती है यह जवान पहुंचते हैं और सुरक्षा प्रदान करते हैं, यह जवान विभिन्न भाषा और बोली के होते हैं मगर बीएसएफ में आने के बाद सब हिन्दी बोलते हैं जहां पर जाते हैं वहां पर हिन्दी ही बोलते हैं, आतंकवादियों से लड़ते समय अगर जवाब देना होता है तो जवान हिन्दी ही बोलता है, इसी प्रकार जवान पूरे देश में हिन्दी का प्रचार-प्रसार करते हैं।

इस अवसर पर असम विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि हिन्दी सहज और सरल भाषा है, इसे नित्य कार्यों में प्रयोग करें, हिन्दी के प्रति हीन भावना न रखें तो हिन्दी स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ेगी। अपने संबोधन में असम विश्वविद्यालय के राजभाषा अधिकारी डा. सुरेन्द्र उपाध्याय ने राजभाषा से संबंधित रिपोर्ट पेश किया, और साथ ही राजभाषा के विकास संबंधित जानकारी प्रदान किया। संगोष्ठी में जवाहर नवोदय विद्यालय पैलापुल के प्राचार्य विश्वास कुमार राणा ने अपना विचार प्रस्तुत किया, वि.वि के हिन्दी अनुवादक पृथ्वीराज ग्वाला ने मुख्य अतिथि के रूप में बीएसएफ के डीआईजी को बुलाये जाने पर कुलपति का भूरि भूरि प्रसंशा करते हुए आभार प्रकट किया। राजभाषा प्रकोष्ट के टंकण सन्तोष ग्वाला ने समारोह में सहायता किया। कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्ज्वलन से हुई और पखवाड़ा के अन्तर्गत प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। प्रेरणा भारती प्रकाशक दिलीप कुमार व संवाददाता यशवंत पाण्डेय को दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
असम विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़ा पर मुख्य समारोह मनाया गया
असम विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़ा पर मुख्य समारोह मनाया गया
समारोह में अपना विचार प्रकट करते हुए पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार ने स्थानीय शब्दों को हिंदी के शब्दकोश में समाहित करने के लिए वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग की कार्यशाला करने पर जोर दिया। नवोदय विद्यालय के शिक्षक विकास उपाध्याय ने भी अपना विचार प्रकट किया। मुख्ष समारोह में कविता पाठ में निर्मल दत्ता को प्रथम, डा. दर्शना पटवा को द्वितीय और नीला पाल को ततीय पुरस्कार से विभुषित किया। निबंध प्रतियोगिता में फजलुद्दीन अहमद को प्रथम, बबली देव द्वितीय व अभिजीत चन्द्र देव ततीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, आशुभाषण प्रतियोगिता में चन्द्र कान्त दास को प्रथम , बबली देव द्वितीय और श्यामल आचार्यी को ततीय पुरस्कार से पुरस्कत किया गया, इनके अलावा प्रारुपन के लिए चन्द्र कान्त दास को प्रथम, श्यामल आचार्यी को द्वितीय व मिताली भट्टाचार्या को सम्मानित किया।

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