तरुण समाजसेवी राघब चंद्र नाथ ९० दिन में हर बार रक्तदान करते हैं, लेकिन इस बार ३ महीना पुरा होने के ३/४ दिन पहले फोन आया कि उनका एक ग्रामवासी गुवाहाटी के एक हास्पिटल में है, आपरेशन होने बाला है, ब्लड का जरुरत है, तो राघब चंद्र नाथ ने गुवाहाटी में उनके जितने मित्र है। उनसे बात किया लेकिन नहीं हो पायाा। कारण उन लोगो का ३ महीना पुरा नही हुआ ब्लड देने का , तो राघबजी ने अपने जिला हाइलाकान्दी के हॉस्पीटल के ब्लड बैंक के एक डक्टर से बात किया फिर भी नहीं हो पाया। हो सकता है, इसका कारण ऐसा सिस्टम नहीं है कि अगर एक हास्पिटल पे रक्तदान किया जाये तो और एक हास्पिटल में ब्लड मिल जाए। तो ब्लड नेही मिलने के कारण एक दिन का जात्रा करके हाइलाकान्दि से गुवाहाटी गए थे राघब चंद्र नाथ जी। लेकिन गुवाहाटी जाके रक्तदान कर नहीं पाये। कारण रक्त चाप हाइ दिखा रहा था, हो सकता है जात्रा करने के कारण एसा ह।
अब उनका एक आवेदन है कि भारत के सभी हास्पिटल में एक एसा सिस्टम किया जाए यो भारत के कही भी हास्पिटल पे रक्तदान किया जाए तो भारत के किसी भी हास्पिटल से ब्लड मिल पाये। तो बहुत असुविधा का समाधान हो जाएगा। इस बार ९० दिन बाद नहीं कर पाये लेकिन ११० दिन बाद रक्तदान किया राघब जी ने हाइलाकान्दी से शिलचर जाके एक पेटेन्ट के लिए।
आप सभी के जानकारी के लिए बोल देता हूँ कि राघब चंद्र नाथ २०२० से रक्तदान जागरूकता अभियान चाला रहे है।