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होम लोन से बचा सकते हैं इनकम टैक्स

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समाचार एजेंसी, नई दिल्ली, 15 दिसंबर: जेब पर टैक्स का बोझ कम रहे, इसके लिए लोग टैक्स सेविंग विकल्पों की तलाश करते हैं। इन विकल्पों में होम लोन भी शामिल है। अपने घर का सपना पूरा करने के लिए आज के दौर में होम लोन लेना आम हो चला है। साथ ही होम लोन रेट्स भी काफी नीचे आ चुके हैं। अगर आपका भी होम लोन चल रहा है तो आप केवल इसी की मदद से 10.50 लाख रुपये तक की टैक्स सेविंग कर सकते हैं।
होम लोन के मूलधन (Principal Amount) पर आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80C के अंतर्गत मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये सालाना तक के टैक्स डिडक्शन का प्रावधान है। इसके साथ एक शर्त रहती है कि जिस घर के लिए होम लोन लिया गया है और डिडक्शन क्लेम किया जा रहा है, उसे खरीदे जाने के 5 साल तक बेचा नहीं जा सकता। अगर मालिक ने ऐसा किया तो सभी पुराने डिडक्शन घर की बिक्री वाले वर्ष में मालिक की आय में जोड़ दिए जाएंगे।
आयकर कानून 1961 के सेक्शन 24 के अंतर्गत करदाता होम लोन के ब्याज पर मैक्सिमम 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है। इसके अलावा होम लोन ब्याज पर एक और अतिरिक्त डिडक्शन 1.5 लाख रुपये तक का, सेक्शन 80EEA के तहत क्लेम किया जा सकता है।
सेक्शन 80EEA के तहत होम लोन ब्याज पर अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन का फायदा पहली बार घर लेने वालों के लिए है। सरकार ने बजट 2019 में आयकर कानून में नया सेक्शन 80EEA जोड़ा था। इस सेक्शन के तहत प्रावधान किया गया कि पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती का फायदा दिया जाएगा। उस वक्त कहा गया था कि इसका फायदा केवल वही लोग ले सकेंगे, जिन्होंने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच लोन लिया हो। लेकिन बजट 2020 में सरकार ने इस डेडलाइन को मार्च 2021 तक के लिए बढ़ाया और फिर बजट 2021 में एक बार फिर इस राहत को और एक साल के लिए बढ़ा दिया गया। यानी फिलहाल मार्च 2022 तक होम लोन लेने वाले ऐसे व्यक्तिगत करदाता जो पहली बार घर खरीद रहे हैं, वे ब्याज पर अतिरिक्त डिडक्शन का फायदा लोन चुकाए जाने तक क्लेम कर सकेंगे।
सेक्शन 80EEA का फायदा लेने के लिए कुछ शर्तें भी लागू हैं, जो इस तरह हैं….
पहली बार घर लेने वाले करदाता ही डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
लोन अप्रैल 2019 के बाद लिया गया हो।
लोन दिए जाने वाली तारीख तक करदाता के नाम पर कोई आवासीय संपत्ति नहीं होनी चाहिए। खरीदे जाने वाले घर की स्टैंप ड्यूटी वैल्यू 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
आवासीय संपत्ति का कारपेट एरिया दिल्ली NCR समेत अन्य मेट्रो शहरों में 645 वर्ग फुट और अन्य शहरों में 968 वर्ग फुट से ज्यादा नहीं होना चाहिए
होम लोन (Home Loan) की मदद से पहली बार घर लेने वाला करदाता (First Time Home Buyer) आयकर कानून (Income Tax Act) के सेक्शन 80C, सेक्शन 24 और सेक्शन 80EEA तीनों की मदद से कुल मिलाकर सालाना 10.50 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री (Tax Free Income) बना सकते हैं।
फ्लैट स्टैंडर्ड डिडक्शन को करदाता की कुल आय में से सीधे-सीधे घटा दिया जाता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को बजट 2018 में दोबारा लाया गया और बजट 2019 में इसकी लिमिट को 40000 से बढ़ाकर 50000 रुपये कर दिया गया। यानी वर्तमान में हर सैलरीड क्लास करदाता के लिए 50 हजार रुपये के फ्लैट स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान है। कैलकुलेशन के मुताबिक, पहली बार घर खरीदने वाले होम लोन बायर्स, सेक्शन 80EEA के तहत ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त डिडक्शन और सेक्शन 24 के अंतर्गत मिलने वाले 2 लाख रुपये तक के डिडक्शन को मिलाकर होम लोन के ब्याज पेमेंट पर कुल 3.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
जो लोग फर्स्ट टाइम होम बायर नहीं हैं, वे होम लोन पर आयकर कानून के सेक्शन 80C और सेक्शन 24 के तहत डिडक्शन का ही फायदा ले सकते हैं। सेक्शन 80EEA का फायदा उन्हें नहीं मिलेगा। लिहाजा वे होम लोन के जरिए मूलधन और ब्याज पर टैक्स डिडक्शन (Income Tax Deduction) का फायदा लेकर 9 लाख रुपये तक की ही आय को टैक्स फ्री बना सकते हैं।

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