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नव-निर्मित संविधान-मन्दिर का बहिष्कार– 

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प्रिय मित्रों ! दिल्ली में गौ हत्या प्रतिबंधित करने हेतु महात्माओं द्वारा किये जा रहे शांति पूर्ण प्रदर्शन पर गोलियां चलवाकर सैकडों की संख्या में निरीह हिन्दुओं की हत्या करने वाली कांग्रेस को लोकतंत्र की याद क्यूँ नहीं आयी ?

आपातकाल में अपने द्वारा समूचे भारत वर्ष पर हुवे अमानवीय अत्याचार और लोकतंत्र के मूल्यों को अपनी जूती से कुचल कर-लोक नायक जय प्रकाश नारायण,राज नारायण ,नीतीश कुमार, अटल बिहारी वाजपेयी,शरद यादव,जार्ज फर्नांडीज, लाल कृष्ण आडवाणी,जॉर्ज फर्नांडिस,चौधरी चरण सिंह,मोरारजी देसाई, नानाजी देशमुख,एच डी देवेगौड़ा, अरुण जेटली, राम विलास पासवान,डॉ.सुब्रमण्यम स्वामी,वीएम तारकुंडे,,लालू प्रसाद यादव,सामाजिक-आर्थिक संस्थानों के प्रतिनिधि और  इनके साथ-साथ लाखों निर्दोष नागरिकों को जेल की सलाखों में बंद कर तानाशाही चलाने वाले दल के नेतृत्व को आज लोकतांत्रिक मूल्यों की याद आ रही है ?

और उसी अवधि में उनके राजकुमार संजय गांधी और उनकी विश्वसनीय महिला मित्र-“रुखसाना बेगम” के नेतृत्व में बड़े स्तर पर हिन्दू पुरुषों की नसबंदी का देशव्यापी अभियान चलाया गया। जिसके परिणामस्वरूप भारत की जनगणना में इन्दिरा गाँधी के शाषनोपरान्त हिन्दूओं की जनसंख्या धीरे-धीरे कम और मुस्लिमों की उत्तरोत्तर बढती ही जा रही है।

क्या कांग्रेस को अपने उन नेताओं पर कभी ग्लानि हुयी जिन्होंने बोफोर्स में दलाली ले कर लोटस नामक कम्पनी में रुपये जमा करवाये ऐसा स्विस  सरकार की आधिकारिक टिप्पणी पर तद्कालीन १९८४ के कांग्रेस-“राजीव गांधी”सरकार के वित्तमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने संसद में कहा था ! इतने पर भी राजीव सरकार ने त्यागपत्र देने के स्थान पर अपने वित्तमंत्री को ही दल से निष्कासित कर दिया।

शाहबानो प्रकरण में सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय को मुस्लिम तुस्टीकरण के नाम पर अमान्य कर मुस्लिम पर्सनल लाॅ को प्रधानता देते हुवे कांग्रेस को लोकतंत्र की याद क्यूँ नहीं आयी ?

अफजल(गुरू)? की फांसी रुकवाने हेतु महामहिम राष्ट्रपति जी की आज्ञा का उलंघन कर आधीरात सर्वोच्य न्यायालय की कुंडी खटखटाते राष्ट्रपति की गरिमा किसने भुलायी थी ? 

महामहिम राष्ट्रपति श्री द्रौपदी मूर्मू के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने वाले तृणमूल कांग्रेस के मंत्री अखिल गिरी,कांग्रेस के नेता उदित राज तथा अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी से लोकतंत्र तथा राष्ट्रपति जी का अपमान किसने किया थाा ?

गलवान तथा सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस सुरक्षा बलों का अपमान करने की अपनी चीर परिचित आदत को भूल चुकी है ? 

अपने क्षुद्र स्वार्थों की पूर्ति हेतु सेना को अपमानित कर संविधान का अपमान किसने किया ? 

सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो दिखलाने की मांग करने वाले कांग्रेसी नेता राशिद अल्वी,कमल नाथ तथा दिग्विजय सिंह क्या गोपनीय और संवेदनशील साक्ष्यों को सदन पटल पर रखने के दुराग्रह द्वारा अपने द्वारा सदन में ली हुयी प्रतिज्ञा का अपमान, अपनी ही सेना का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपहास तथा राष्ट्रद्रोह नहीं कर रहे थे ?

कांग्रेस समझती है कि जिस प्रकार तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३५२ के अंतर्गत आपातकाल की घोषणा कर दी थी बिलकुल उसी प्रकार ये सभी दल(बदलू)मिलकर महामहिम राष्ट्रपति जी को बरगला कर संविधान सभा भंग करने हेतु प्रोत्साहित कर भारतीय जनता पार्टी को येन केन प्रकारेण सत्ता से हटाने के षड्यंत्र में सफल हो जायेंगे।

मित्रों ! इस समय विषैले सर्पों के सदृश्य विष-वमन करने का विपक्ष का यह व्यवहार आने वाले कल किसी गहरे षड्यंत्र द्वारा राष्ट्र को रसातल में ले जाने की मंशा का इशारा करता दिखता है,जिसके लिये सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है-“आनंद शास्त्री”

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